अकबर कौन था ? अकबर की भूमि बंदोबस्त प्रणाली

1526 ईसवी से लेकर 1857 ईसवी के बीच के कालखंड को भारतीय इतिहास में मुगल काल के नाम से जाना जाता है मुगल काल में ही 1556 ईस्वी में अकबर नामक एक महान सम्राट हुआ, जिसका जन्म 15 अक्टूबर 1542 ईसवी को अमरकोट के राणा वीर साल के माहौल में हुआ था। अकबर के पिता का नाम हुमायूं तथा माता का नाम हमीदा बानो था, अकबर के बचपन का नाम जलाल था।

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अकबर के पिता हुमायूं के अचानक मृत्यु हो जाने के कारण हुमायूं का सेनापति बैरम खान ने गद्दी खाली होने की अवस्था में अकबर को 14 वर्ष की अवस्था में गद्दी पर बैठा दिया तथा स्वयं अकबर का संरक्षक बन गया इस प्रकार अकबर का राज्य अभिषेक 14 फरवरी 1556 ईस्वी को पंजाब के कलनौर नामक स्थान पर हुआ था ।

इसके बाद अकबर एक महान शासक के रूप में उभरा उसने कई सारी उपलब्धियां हासिल की तथा मुगल काल का सबसे महान शासक के रूप में उभरा । उसने सर्वप्रथम 1570 उसने हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को पराजित किया तथा अपने आसपास कई  छोटे-बड़े राजाओं को पराजित किया ।अकबर अपने साम्राज्य का अत्याधिक विस्तार किया बस एक ही जगह व अधिकार नहीं कर पाया जोधपुर में ।

इसने अपने दरबार में नौ रत्नों की व्यवस्था कर रखी थी, जो नवरत्न इस के दरबार के साथ थे । इन नवरत्न में तान‌सेन‌, बीरबल, राजा टोडरमल, अबुल फजल, मानसिंह  यह सब इतने चतुर तथा गुणी थे कि इनका जोड़ा कहीं नहीं था । अकबर अपने शासनकाल में कई सारी महत्वपूर्ण नीतियां लागू करवाया । वह हिंदुओं के प्रति भी उधार प्रवृत्ति की भावना रखता था । उसने यहां तक कि हिंदू रानी जोधा बाई से वैवाहिक संबंध भी स्थापित किया था ।
इस प्रकार अकबर ने कई सारे युद्ध किया तथा उन्हें जीता और अंत में 50 वर्ष तक शासन करने के बाद 16 अक्टूबर 1605 ईस्वी में अकबर की मृत्यु हो गई अकबर को सिकंदरा में दफनाया गया ।

अकबर की भूमि बंदोबस्त प्रणाली

मुगल काल में कृषि लोगों का मुख्य व्यवस्था था । अकबर ने अपने राज्य से प्रधान तथा भूमि प्रबंध से किसानों की दशा सुधारने का काफी कोशिश किया । कई नहरे, तालाब तथा नदियों पर बांध सिंचाई को ठीक करने के लिए बनाए गए । फिर भी कृषकों की व्यवस्था इतनी अच्छी ना हो सकी लगातार युद्ध तथा फौज के इधर उधर आने जाने से उनकी फसल को काफी हानि होती थी । जब कभी वर्षा नहीं होती थी तब देश में अकाल पड़ जाता था और कृषकों की अवस्था और भी बुरी हो जाती थी ।

मुगल सम्राट लोगों की सहायता करने का अवश्य कोशिश करते थे परंतु एक तो यातायात के साधन इतने ठीक ना होने के कारण और दूसरे सहायता के कम होने के कारण बहुत से लोग भूखे मर जाते थे । इस प्रकार भू राजस्व, राज्यकोषीय व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण था । उनकी आय का एक बड़ा भाग कृषि उत्पादन से आता था । भू – राजस्व या अनाज में दिया जा सकता था परंतु राज्य नगदी में भुगतान पसंद करता था ।

अकबर ने भूमि का प्रणाली एवं राजस्व व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया अकबर के समय में राज्य की समस्त भूमि खालसा,जागीर,जमींदार तथा इनाम आदि हिस्सों में विभाजित थी । जागीरदारों एवं जमींदारों पर राज्य का नियंत्रण रहता था ।अकबर ने जागीरदारी प्रथा को समाप्त कर दिया 1574 में जगींदार व खालसा में परिवर्तन करना चाहा, परंतु ऐसा हो नहीं सका ।

मुगल काल के आय का मुख्य स्रोत लगान (कर) था । भू राजस्व, व्यापारिक कर, सीमा कर इसके मुख्य स्रोत थे । कर इन सब में आय का मुख्य साधन था । इसलिए भूमि और लगान व्यवस्था में समय-समय पर सुधार किया गया । शेरशाह‌ से प्रेरणा लेकर अकबर ने टोडरमल की सहायता से भूमि की नपाई करवा कर उपज के आधार पर लगाकर निर्धारित किया लगान के लिए अकबर ने 1580 ईस्वी में जब्ती व्यवस्था अथवा दहसाला प्रबंध लागू किया ।

किसानों से उपज का एक तिहाई भाग लगान के रूप में लिया जाता था । लगान वसूली के लिए राजकीय कर्मचारी की नियुक्ति की जाती थी । वह दहसाला व्यवस्था के अनुसार पिछले 10 वर्षों में अलग-अलग भूमि में अलग-अलग फसलों की उपज को लगान तय करने का मापदंड बनाया गया । अनाज का मूल्य 10 वर्षों के कीमत के आधार पर तय किया जाता था ।

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